**** बातें दिल की ****
**** बातें दिल की ****
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सुनो सखी बातें दिल की,
खरी-खरी बातें दिल की।
बहुत कठिन काली रातें,
रही धरी बातें दिल की।
बिना सुने गुजरे पथ से,
नहीं रहीं बातें दिल की।
मचल रहा दिल बेचारा,
नहीं कही बातें दिल की।
रुखा गला कह ना पाए,
रुकी रहीं बातें दिल की।
दुखी बहुत है मनसीरत,
छुई – मुई बातें दिल की।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)