बातें दिलों की
मुक्तक
चांदनी रात – की अजनबी हो गयी।
आज बातें दिलों की कहीं खो गयी।
अब डराने लगी अपनी’ परछाइयाँ।
जब से’ इंसानियत दिल तले सो गयी।
अंकित शर्मा’ इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)
मुक्तक
चांदनी रात – की अजनबी हो गयी।
आज बातें दिलों की कहीं खो गयी।
अब डराने लगी अपनी’ परछाइयाँ।
जब से’ इंसानियत दिल तले सो गयी।
अंकित शर्मा’ इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)