बांध डोर रघुराई के संग
कभी हंसना कभी रोना
कभी रूठना और मनाना है
जिंदगी है गीत प्यार का
हम सभी को गुनगुनाना है
आगमन है श्री राम का
अलौकिक क्षण है जीवन का
बांध डोर रघुराई के संग
भवसागर पार कर जाना है
इति।
इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश