बांटो, बने रहो
BPL से APL तो हो रहे है लोग।
जातियों में मगर सो रहे है लोग।।
क्या भारत में वो दिन भी आएगा।
SC ST OBC खुद को सवर्ण बताएगा।।
जिस समाज में हम रहते थे उसमे केवल सिटीजन थे।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई न बाभन न हरिजन थे।।
यह समाज है सबसे सेकुलर, नहीं यहां आरक्षण है।
रहते सब परिवार के जैसे, सबमें देश प्रेम का लक्षण है।।
क्या लगता है नेता सब मिलकर, ऐसा संस्थान बनाएंगे।
या धर्म जाति भाषा नर नारी को, बांट बांट कर खायेंगे।।
जय हिंद