बांकी रहा
जिंदगी के इस उम्र में भी
जिंदगी को समझना बांकी रहा।
सब कुछ उन पर हार बैठे मगर
हम पर उनका यकीन बाकी रहा।
उम्र भर मोहब्बत की जिससे
इबादत समझकर मगर उनको
अपना खुदा बनाना बांकी रहा।।
शिव प्रताप लोधी
जिंदगी के इस उम्र में भी
जिंदगी को समझना बांकी रहा।
सब कुछ उन पर हार बैठे मगर
हम पर उनका यकीन बाकी रहा।
उम्र भर मोहब्बत की जिससे
इबादत समझकर मगर उनको
अपना खुदा बनाना बांकी रहा।।
शिव प्रताप लोधी