बह्र ….2122 2122 2122 212
बह्र ….2122 2122 2122 212
दरमियां दोनों के जब भी फासला आ जायेगा ,
मुख्तसर सी ज़िंदगी में ज़लज़ला आ जायेगा ।
✍️ नील रूहानी …
बह्र ….2122 2122 2122 212
दरमियां दोनों के जब भी फासला आ जायेगा ,
मुख्तसर सी ज़िंदगी में ज़लज़ला आ जायेगा ।
✍️ नील रूहानी …