Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2021 · 1 min read

बहू

जबरदस्ती उठाई जाने वाली
सबसे पहले उठ जाती है
किचन में ना जाने वाली
खाना भी बना लेती है
क्योंकि बेटी बहू बन जाती है…

सबसे पहले खाने वाली
खाना भूल जाती है
गर्म खाने की फरमाइश करने वाली
बासी भी खा लेती है
क्योंकि बेटी बहू बन जाती है…

मां की डाट से गुस्सा होने वाली
सास के ताने भी सह जाती है
पिता से लड़ने वाली
पति से सहम जाती है
क्योंकि बेटी बहू बन जाती है…

फिजूल उड़ाने वाली
पैसे जोड़ना सीख जाती है
स्कूटी चलाने वाली
परिवार चलाना सीख जाती है…

छोटी छोटी बातों मे रोने वाली
आसू छिपाना सीख जाती है
हर बात मे मुस्कुराने वाली
हंसना भूल जाती है
क्योंकि बेटी बहू बन जाती है…

कपड़ो में ब्रांडेड देखने वाली
कुछ भी पहन लेती है
हमेशा लड़ने वाली
चुप रहना सीख जाती है
क्योंकि बेटी बहू बन जाती हैं…

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 341 Views

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
गीतिका
गीतिका
जगदीश शर्मा सहज
विषय- पति को जीवन दिया।
विषय- पति को जीवन दिया।
Priya princess panwar
भूलना..
भूलना..
हिमांशु Kulshrestha
बढ़ना है आगे तो
बढ़ना है आगे तो
Indu Nandal
सीता स्वयंवर (सखी वार्ता)
सीता स्वयंवर (सखी वार्ता)
guru saxena
दोहा एकादश. . . . . सावन
दोहा एकादश. . . . . सावन
sushil sarna
शूर शस्त्र के बिना भी शस्त्रहीन नहीं होता।
शूर शस्त्र के बिना भी शस्त्रहीन नहीं होता।
Sanjay ' शून्य'
#सुर्खियों_से_परे-
#सुर्खियों_से_परे-
*प्रणय*
जिसकी जिससे है छनती,
जिसकी जिससे है छनती,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
20. The Future Poetry
20. The Future Poetry
Santosh Khanna (world record holder)
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक भ्रम है, दोस्त,
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक भ्रम है, दोस्त,
पूर्वार्थ
झूठा प्यार।
झूठा प्यार।
Sonit Parjapati
- इश्क से तुम दूर रहो -
- इश्क से तुम दूर रहो -
bharat gehlot
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
*दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)*
Ravi Prakash
" दबाव "
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन को जीतती हैं
जीवन को जीतती हैं
Dr fauzia Naseem shad
1
1
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
शीतलहर (नील पदम् के दोहे)
शीतलहर (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*** हमसफ़र....!!! ***
*** हमसफ़र....!!! ***
VEDANTA PATEL
*पूर्णिका*
*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महबूब
महबूब
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
खुला मैदान
खुला मैदान
Sudhir srivastava
*कलयुग*
*कलयुग*
Vaishaligoel
आओ मिलकर नया साल मनाये*
आओ मिलकर नया साल मनाये*
Naushaba Suriya
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
Shashi kala vyas
The Rotting Carcass
The Rotting Carcass
Chitra Bisht
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
सुलेख
सुलेख
Rambali Mishra
विरोध
विरोध
Dr.Pratibha Prakash
Loading...