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17 Apr 2022 · 1 min read

बहू और बेटी

बहू और बेटी में कोई अंतर नहीं,
होनी चाहिए मां की आंख की तारा।

एक बेटी ब्याही और दुजी घर आई ,
पक्षपात क्यों करे दिमाग हमारा?

दोनो के हैं समान अधिकार घर पर ,
परंतु क्यों करें बहू का इनसे किनारा ?

बहू का अधिकार अपितु सबसे अधिक ,
क्योंकि वृद्धावस्था का है यही सहारा ।

पुत्र ,पुत्री की तरह बहु भी तो संतान है ,
जिसे समाज के समक्ष आपने स्वीकारा।

आपके लाड़ प्यार की बहू भी है हकदार ,
खयाल रखें उसका भी बनाएं रिश्ता प्यारा ।

बहू के अधिकारों में न हो कोई हस्तक्षेप ,
अतः उसे दें प्रेम और विश्वास का सहारा।

केवल बहू को कर्तव्य की बेड़ियों में न बांधे ,
बेटी को भी हो अपने कर्तव्यों का ज्ञान सारा ।

आपके बाद भी यह रिश्ता संतानों का बना रहे,
अतः प्रेम का बीज इनमें बोएं ताकि गुलशन बने प्यारा प्यारा ।

Language: Hindi
461 Views
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