बहु भी बेटी
रामू काका !बहू को नीचे बुलाओ।
मेम साहब बहू घर पर नहीं है उनको बाहर गए तीन घंटे हो गए।
रामू काका की बात सुनकर शालिनी गुस्से में बोली-क्या !!!…बहू घर में नहीं है?
नहीं मैम साहब…… रामू धीरे से बोला।
“मां देख लो आप की नई बहू आपका कहना नहीं माना और चली गई अपने काम पर” नीता की ननंद ने आग में घी का काम किया…….
अपनी मां को अपनी भाभी के विरुद्ध भड़काया।
आने दो आज नीता को घर में उसकी खैर नहीं… शालिनी गुस्से में तमतमा कर बोली।
” महेश , सुना आपने आप की लाडली बहू घर पर नहीं है” शालिनी अपने पति को सुनाकर बोली।
शालिनी ,शांत हो जाओ।
नीता तुम्हारी मर्जी के बिना वह काम पर नहीं जाएगी मैं नीता कोअच्छी तरह से जानता हूं। उसको जरूर कोई काम होगा या फिर अपने मायके गई होगी,। गुस्सा मत करो थोड़ी देर में आ जाएगी।
रानू ,तुम उसके मायके फोन लगाओ, यदि बहू वहां नहीं गई होगी और अपनी वह घटिया नौकरी डिलीवरी केलिए गई होगी तो मैं उसे घर में ही नहीं आने दूंगी।
कह देती हूं महेश…..
वह मेरी मर्जी के खिलाफ जाएगी यह मुझे कतई पसंद नहीं पसंद नहीं। शालिनी गुस्से में बोले जा रही थी।
शालिनी अब तो शांत हो जाओ और बहू पर विश्वास रखो वह ऐसी नहीं है तुम्हारे खिलाफ कभी जाएगी नहीं जाएगी। तुमसे पूछ कर ही जाएगी।
नीता पर पूरा विश्वास है मैं जानता हूं उस बच्ची को……..
महेश अपनी पत्नी को समझा कर बोला।
तो आप ही बताइए वह तीन घंटे से कहां गई हुई है?? शालिनी फिर बोलती है।
शालिनी मैं मानता हूं नीता गरीब घर की बेटी है उसके पिता के मरने के बाद उसने अपने घर की सारी जिम्मेवारी को संभाला है खुद ने मेहनत करके अपने बहन की शादी की है।बेटी नहीं वो अपने घर का बेटा है।
परिवार का पूरा खर्चा चला रही थी, लेकिन बहुत स्वाभिमानी लड़की है…. मेहनती लड़की है….. ….
और अब उसे अपनी मम्मी और दादी की चिंता है उनके खर्चों की चिंता है उसका परिवार कैसे चलेगा इसीलिए वह बार-बार अपने काम पर जाने के लिए तुमसे कह रही थी।
लेकिन मैं जानता हूं वह तुम्हारी मर्जी के खिलाफ अपनी मर्जी से कभी नहीं जाएगी।
थोड़ा विश्वास करो और धैर्य रखो।
महेश फिर से समझा कर अपनी पत्नी से बोला
“मैं यहां हूं मम्मी जी” पीछे से नीता की आवाज आती है।
शालिनी ने मुड़कर देखा कि मीता गुड्डू को लिए खड़ी थी और गुड्डू के सिर पर पट्टी बंधी हुई थी।
देखकर शालिनी और रानू चौक गई।
गुड्डूबेटा,,, गुड्डू को क्या हुआ यह पट्टी क्यों बंधी ?
रानू और शालिनी में एक साथ बोली।
रानू ने जल्दी से अपना बेटा नीता की गोद में से ले लिया।
लेकिन गुड्डू बोला- मामी बहुत अच्छी है मामी ने मुझे डॉक्टर के ले गई पट्टी कराई।
“बेटा गुड्डू को क्या हुआ”- महेश शांतस्वभाव में बोले।
पापा जी, घर पर कोई नहीं था रानू दीदी अपनी किट्टी पार्टी में व्यस्त थी उनकफोन बजा लेकिन उन्होंने उठाया नहीं…
लेड लाइन पर फोन आया तो मैंने उठाया मुझे पता चला गुड्डू को स्कूल में चोट आई है कोई घर पर नहीं था रामू काका भी रानू दीदी का सामान लेने बाजार गए थे।
“फोन सुनकर मैं घबरा गई थी हड़बड़ाहट में मैं आपको फोन करना भी भूल गई थी, सॉरी मम्मी जी ,लेकिन गुड्डू बाबा को संभालना जरूरी था”नीता धीमे स्वर में बोली।
नीता शालिनी के बेटे की पसंद थी और शालिनी के पति भी अपनी बहू को बहुत पसंद करते थे लेकिन शालिनी नीता को पसंद नहीं करती थी।
लेकिन आज नीता की यह बात देखकर शालिनी ने उसको अपने गले से लगा लिया और आंखों में आंसू आने लगे …..
बेटा में कितनी गलत थी तुम भी मेरी बेटी ही हो तुम भी अपने काम कर सकती हो। आज के बाद मैं तुम्हें कभी रोकूंगी नहीं
माफ करना नीता…. मैंने तुम्हारा बहुत अपमान किया था।”शालिनी रोती हुई बोली।
मम्मी जी आप रो मत आप भी मेरी मां के समान है-नीता शांत स्वर में बोली।
रानू ने भी अपनी भाभी को गले से लगा लिया भाभी मुझे माफ कर दो ….आज आपने मेरे बेटे को संभाला….
धन्यवाद भाभी।
नेता अपनी ननद और सास के गले लग गई माफ की क्या बात यह तो मेरा फर्ज था। परिवार के सुख-दुख में हम सब साथ हैं।
यह देखकर महेश बहुत खुश हुए। नीता को बहुत आशीर्वाद।
शालिनी ने भी अपनी बहू नीता को काम करने की इजाजत दे दी।
महेश की जान पहचान से नीता एक अच्छी कंपनी में जॉब करने लगी। और अपने मायके की मदद करने लगी। ससुराल
और पीहर दोनों से उसे बहुत प्यार मिला।अब उसने बेटे बेटी और बहू का सारा फर्ज निभा रही हैं।
बहू भी बेटी होती है।
गरीब हो या अमीर हो बहू बेटी ही होती