Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2024 · 1 min read

बहुत लोग जमा थे मेरे इर्दगिर्द मुझे समझाने वाले।

बहुत लोग जमा थे मेरे इर्दगिर्द मुझे समझाने वाले।
मेरी निगाहे उसे तलाश रही थी जो मुझे समझ सके ।
उन समझाने वाले के शौर के बीच एक अलगाव था।
फिर भी एक खामोशी साफ सुनी जा सकती थी।
और वो दो आँखे जरा हिम्मत करती तो मेरे पास आ सकती थी

50 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रामलला के विग्रह की जब, भव में प्राण प्रतिष्ठा होगी।
रामलला के विग्रह की जब, भव में प्राण प्रतिष्ठा होगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*पीला भी लो मिल गया, तरबूजों का रंग (कुंडलिया)*
*पीला भी लो मिल गया, तरबूजों का रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विचार
विचार
Godambari Negi
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
Ranjeet kumar patre
Justice Delayed!
Justice Delayed!
Divakriti
पीता नहीं मगर मुझे आदत अजीब है,
पीता नहीं मगर मुझे आदत अजीब है,
Kalamkash
दीपावली के अवसर पर
दीपावली के अवसर पर
जगदीश लववंशी
दिल की बगिया में मेरे फूल नहीं खिल पाए।
दिल की बगिया में मेरे फूल नहीं खिल पाए।
*प्रणय*
लड़कों का सम्मान
लड़कों का सम्मान
पूर्वार्थ
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
Raju Gajbhiye
निर्भय दिल को चैन आ जाने दो।
निर्भय दिल को चैन आ जाने दो।
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
धरा प्रकृति माता का रूप
धरा प्रकृति माता का रूप
Buddha Prakash
बच्चे और युवा ही किसी देश या राष्ट्र निर्माण के प्रथम स्त्रो
बच्चे और युवा ही किसी देश या राष्ट्र निर्माण के प्रथम स्त्रो
Rj Anand Prajapati
मेरे दिल के खूं से, तुमने मांग सजाई है
मेरे दिल के खूं से, तुमने मांग सजाई है
gurudeenverma198
कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना,
कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना,
Manisha Manjari
तुझे देखा , तुझे चाहा , तु ही तो साथ हरदम है ,
तुझे देखा , तुझे चाहा , तु ही तो साथ हरदम है ,
Neelofar Khan
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
"" *भारत* ""
सुनीलानंद महंत
International  Yoga Day
International Yoga Day
Tushar Jagawat
वृक्षों की भरमार करो
वृक्षों की भरमार करो
Ritu Asooja
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
Neeraj Agarwal
"तरबूज"
Dr. Kishan tandon kranti
#कमसिन उम्र
#कमसिन उम्र
Radheshyam Khatik
आज़ मैंने फिर सादगी को बड़े क़रीब से देखा,
आज़ मैंने फिर सादगी को बड़े क़रीब से देखा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दर्द देह व्यापार का
दर्द देह व्यापार का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
Lokesh Sharma
अर्थ संग हावी हुआ,
अर्थ संग हावी हुआ,
sushil sarna
महकता इत्र
महकता इत्र
BIPIN KUMAR
Loading...