बहुत प्यारा वादा था वो…
वो कहती है मुझे हमेशा कि में उसकी जान हुं,
लेकिन
दूसरे के साथ उसकी मुस्कुराती हुई तस्वीरें देखकर तो ऐसा नहीं लगता मुझे !!!
वो कहती है समय नहीं है मेरे पास काम ही इतना है,
लेकिन
दूसरे के साथ पार्टी-घूमने जाने के समय बहुत मिल जाता है उसे !!!
वो कहती है कि तुमसे बात किये बिना रह नहीं सकती
लेकिन
कभी कभी दिनभर बिना बात किये आराम से गुजार देती है !!!
वो कहती है कि तुमने मुझे जीना- हसंना सिखाया है
लेकिन
हमेशा वो दूसरे के साथ जीती है, मुझे भूलने को तैयार हो जेसे !!!
वो कहती कि बेइन्तेहा मोहब्बत कल थी और आज है
लेकिन
किसी और से जुड़ने के बाद मुझे वो बेवफ़ा लगती है !!!
वो कहती है की समझुं मैं उसको उसके हालातों को
लेकिन
क्या क्या समझुं और कितना, क्या वो मुझे समझती है !!!
उसे क्या पता मेरे जज्बात… मेरी तन्हाई… मेरे हालात
वो क्या कहती है अब और नहीं सुनना-जानना
लेकिन
सवाल है कि दर्द मिला फ़िर भी उसके पीछे खुद को बर्बाद क्युं किया ?
और जबाब वही
बहुत प्यार किया उसको मैंने दिलो-जान से…
खुद को बर्बाद किया पूरे ईमान से…
अब मैं जीयू या मर जाऊं कोई तो उससे पूछो
लेकिन
फैसला ऐसा करना कि मैं भी जीतू और वो भी ना हारे !!!
आखिर मोहब्बत है वो मेरी,
जेसि भी है बेवफ़ा ही सही
लेकिन
बहुत प्यारा वादा था वो भले उसके लिये आज मैं वो नहीं !!!
लेखिका- जयति जैन, रानीपुर झांसी !!!