Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2022 · 1 min read

बहुत दिया बलिदान

बहुत दिया बलिदान,तब मिला हमें अपना संबिधान
अपना राष्ट्र अपना गणतंत्र और अपना राष्ट्रगान
सबसे बड़ा लोकतंत्र दुनिया का, मेरा देश महान
आजादी के अमृत महोत्सव पर,वीर शहीदों को प्रणाम
अमर शहीदों के अवदानों से, किया है अमृत पान
सौ सालों तक लड़ते लड़ते,किए न्यौछावर प्राण

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 218 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
କେବଳ ଗୋଟିଏ
କେବଳ ଗୋଟିଏ
Otteri Selvakumar
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
Rajesh vyas
रिवायत
रिवायत
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
"जरा गौर करिए तो"
Dr. Kishan tandon kranti
अलाव
अलाव
गुप्तरत्न
चुभते शूल.......
चुभते शूल.......
Kavita Chouhan
कोठरी
कोठरी
Punam Pande
छलनी- छलनी जिसका सीना
छलनी- छलनी जिसका सीना
लक्ष्मी सिंह
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
Sanjay ' शून्य'
बोलो_क्या_तुम_बोल_रहे_हो?
बोलो_क्या_तुम_बोल_रहे_हो?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
● रूम-पार्टनर
● रूम-पार्टनर
*प्रणय प्रभात*
गणेश जी पर केंद्रित विशेष दोहे
गणेश जी पर केंद्रित विशेष दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
निकाल देते हैं
निकाल देते हैं
Sûrëkhâ
*यह दौर गजब का है*
*यह दौर गजब का है*
Harminder Kaur
हमारी सम्पूर्ण ज़िंदगी एक संघर्ष होती है, जिसमे क़दम-क़दम पर
हमारी सम्पूर्ण ज़िंदगी एक संघर्ष होती है, जिसमे क़दम-क़दम पर
SPK Sachin Lodhi
*अमर रहेंगे वीर लाजपत राय श्रेष्ठ बलिदानी (गीत)*
*अमर रहेंगे वीर लाजपत राय श्रेष्ठ बलिदानी (गीत)*
Ravi Prakash
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
चिंतन और अनुप्रिया
चिंतन और अनुप्रिया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
One-sided love
One-sided love
Bidyadhar Mantry
स्त्री का प्रेम ना किसी का गुलाम है और ना रहेगा
स्त्री का प्रेम ना किसी का गुलाम है और ना रहेगा
प्रेमदास वसु सुरेखा
मुक्तक...
मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
Anand Kumar
जेठ की दुपहरी में
जेठ की दुपहरी में
Shweta Soni
ख़ुद को हमने निकाल रखा है
ख़ुद को हमने निकाल रखा है
Mahendra Narayan
जागे हैं देर तक
जागे हैं देर तक
Sampada
जीवन की परख
जीवन की परख
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
Neelam Sharma
आज कल ब्रेकअप कितनी आसानी से हो रहे है
आज कल ब्रेकअप कितनी आसानी से हो रहे है
पूर्वार्थ
बाकी है...!!
बाकी है...!!
Srishty Bansal
धूल में नहाये लोग
धूल में नहाये लोग
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Loading...