Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
अमित कुमार
26 Followers
Follow
Report this post
10 Sep 2021 · 1 min read
बहुत गमशीन
बहुत गमशीन है निगाहें आज उनकी,
उन्हें क्या पता उनका खुदा आज रूठा है।
© “अमित”
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
1 Like
· 318 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
"बेहतर है चुप रहें"
Dr. Kishan tandon kranti
*** एक दौर....!!! ***
VEDANTA PATEL
वोट कर!
Neelam Sharma
भगवान बुद्ध
Bodhisatva kastooriya
Qabr
Fuzail Usman
खोते जा रहे हैं ।
Dr.sima
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
shabina. Naaz
टूटी ख्वाहिश को थोड़ी रफ्तार दो,
Sunil Maheshwari
♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
Dr Archana Gupta
दीपावली
surenderpal vaidya
दौलत -दौलत ना करें (प्यासा के कुंडलियां)
Vijay kumar Pandey
এটাই সফলতা
Otteri Selvakumar
"बेचारी की फ़ितरत में, राग़ नहीं है ग़म वाला।
*प्रणय*
हर काम की कोई-ना-कोई वज़ह होती है...
Ajit Kumar "Karn"
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
आर.एस. 'प्रीतम'
इज़्ज़त
Jogendar singh
कविता के प्रेरणादायक शब्द ही सन्देश हैं।
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
पुस्तक समीक्षा- राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
धैर्य बनाए रखना
Rekha khichi
4631.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चीख़ते हैं दर-ओ-दीवार नहीं होता मैं
पूर्वार्थ
माला फेरें राम की,
sushil sarna
दुनिया का सबसे अमीर आदमी होना और दुनिया में अपने देश को सबसे
Rj Anand Prajapati
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
सही लोगों को
Ragini Kumari
मतवाला मन
Dr. Rajeev Jain
पितृ दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
*समय की रेत ने पद-चिन्ह, कब किसके टिकाए हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मेरी माटी मेरा देश 🇮🇳
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
सफलता
Raju Gajbhiye
Loading...