बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
गहन धुंध में हर दिशा खो गई है।
उगे सूर्य की दूधिया रोशनी में।
सिमट कर सुनहरी किरण सो गई है।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०७/११/२०२३
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
गहन धुंध में हर दिशा खो गई है।
उगे सूर्य की दूधिया रोशनी में।
सिमट कर सुनहरी किरण सो गई है।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०७/११/२०२३