बहुत कुछ बोल सकता हु,
बहुत कुछ बोल सकता हु,
लेकिन अब मन नही करता
रूठे को मना सकता हु
लेकिन अब मन नही करता
वक्त नही मिलता ये बहाना अच्छा है लेकिन
इस बहाने को सच मान लू
लेकिन,अब मन नही करता
दिल से दिल का रिश्ता था
जूठ को सच मान सकता हु
लेकिन अब मन नही करता।
अवनीश कुमार