Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2022 · 2 min read

*बहुजन मिशन के चरित्र*

बहुजन मिशन के चरित्र
=================
बहुत मिशनरी हमने देखे
ऐसे देखें
वैसे देखें
ये ना पूछो…… कैसे देखें।
मुंह में है जय भीम का नारा……..

मन के अन्दर कीचड़ गारा
दुश्मन से कब खौफ रहा है
मारा तो अपनों ने मारा
मुंह में है जय भीम का नारा ……..

बातें बड़ी एकता वाली
पीठ के पीछे देते गाली
वो पक्के अम्बेडकर वादी
चंदा के जो हो गये आदी
मिशन कर दिया गोबर गारा
मुंह में है जय भीम का नारा……..

घर के बाहर बौद्ध बताते
अंदर घर में जोत जलाते
बुद्ध की वो कब माने बातें
बुद्ध वालों को खूब सताते
नफ़रत का चढ़ बोले पारा
मुंह में है जय भीम का नारा………

दारू पी चढ़ जाते मंच पर
खूब तमाशा करें मंच पर
पत्नी अवैध साथ में रखते
पूछे कोई तो बहन बताते
धम्म को ये दे रहे सहारा
मुंह में है जय भीम का नारा……..

मंचों पर भी तिकड़म बाजी
चमचा से बस चमचा राजी
पीछे रह गये कहने वाले
चापलूस ने जीती बाजी
इस तरहा दे रहे सहारा
मुंह में है जय भीम का नारा…….

नारी जी भर रंग दिखाती
बढ़ते पुरूष को खूब रिझाती
जब तक ना हो मतलब पूरा
जी भर इठलाती,इतराती
संस्कारों के वंस को मारा
मुंह में है जय भीम का नारा……..

राष्ट्र कवि कुछ चोर हो गये
मंच मिला मुंह जोर हो गये
बे मतलब का शोर हो गये
लेकिन वो गठजोड़ हो गये
मंचों की गरिमा को मारा
मुंह में है जय भीम का नारा…….

अच्छे कुछ बदलाव नहीं है
करते अच्छे काम नहीं है
अपनों की ही खींचें टांगें
आदत से आराम नहीं है
गाते फिरें वो भाईचारा
मुंह में है जय भीम का नारा……..

रोज़ नये संगठन बन जाते
झंडा अपना अलग बनाते
कभी एक जो हो नहीं पाते
रोज़ वहीं हमको समझाते
धींगामुश्ती बने सहारा
मुंह में है जय भीम का नारा……..

बहुजन राजनीति भी देखो
बनती खूब पार्टीयां देखो
वोट बैंक भी टूटा देखो
हर नेता को झूंठा देखो
संविधान इन सबसे हारा
मुंह में है जय भीम का नारा……

इसको तुम अवरोध ना जानो
इसको मेरा शोध तुम मानो
बहुत दिनों से देख रहा हूं
कैसे बोलूं सोच रहा हूं
भीम राव को तुमने मारा
मुंह में है जय भीम का नारा……

“सागर” तुम आवाज उठाओ
झूंठो को आईना दिखलाओ
माना ये नहीं सुधरने वाले
फिर भी तुम ये गीत सुनाओ
पकड़े रहो सच का इकतारा
मुंह में है जय भीम का नारा……….
अपनों से करते हैं किनारा।
मुंह में है जय भीम का नारा।।
=======16/01/2022
जनकवि/बेखौफ शायर
डॉ.नरेश “सागर”
इंटरनेशनल साहित्य अवार्ड से सम्मानित
9149087291
नमो बुद्धाय…… जय भीम……जय संविधान
??✍️????✍️????✍️??

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 562 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी मुस्कान भी, अब नागवार है लगे उनको,
मेरी मुस्कान भी, अब नागवार है लगे उनको,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मे गांव का लड़का हु इसलिए
मे गांव का लड़का हु इसलिए
Ranjeet kumar patre
भारत
भारत
नन्दलाल सुथार "राही"
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
प्यारी-प्यारी सी पुस्तक
प्यारी-प्यारी सी पुस्तक
SHAMA PARVEEN
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
इश्क़ छूने की जरूरत नहीं।
Rj Anand Prajapati
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
DrLakshman Jha Parimal
गरीब और बुलडोजर
गरीब और बुलडोजर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मेरी प्यारी कविता
मेरी प्यारी कविता
Ms.Ankit Halke jha
*गुरुओं से ज्यादा दिखते हैं, आज गुरूघंटाल(गीत)*
*गुरुओं से ज्यादा दिखते हैं, आज गुरूघंटाल(गीत)*
Ravi Prakash
'धोखा'
'धोखा'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दीपावली
दीपावली
Neeraj Agarwal
గురువు కు వందనం.
గురువు కు వందనం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
नींदों में जिसको
नींदों में जिसको
Dr fauzia Naseem shad
★फसल किसान की जान हिंदुस्तान की★
★फसल किसान की जान हिंदुस्तान की★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
जब आओगे तुम मिलने
जब आओगे तुम मिलने
Shweta Soni
💐प्रेम कौतुक-421💐
💐प्रेम कौतुक-421💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आवारा पंछी / लवकुश यादव
आवारा पंछी / लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
2704.*पूर्णिका*
2704.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
काग़ज़ पर उतार दो
काग़ज़ पर उतार दो
Surinder blackpen
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
वेदनामृत
वेदनामृत
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
पागल मन कहां सुख पाय ?
पागल मन कहां सुख पाय ?
goutam shaw
मंजिलें भी दर्द देती हैं
मंजिलें भी दर्द देती हैं
Dr. Kishan tandon kranti
तुलसी युग 'मानस' बना,
तुलसी युग 'मानस' बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शुम प्रभात मित्रो !
शुम प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
gurudeenverma198
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" - "श्मशान वैराग्य"
Atul "Krishn"
Loading...