बहिन
बहिन भी तो मां का एक स्वरूप होती है
परेशानी हो गंभीर तो मां का रूप होती है
अक्सर तुमने भी इसे महसूस किया होगा
समझदारी में अक्सर मां से बढ़कर होती है
कोई एक वाकया नहीं कई दौर गुजरे हैं
विषम परिस्थितियों की मार झेले हैं
विपत्तियों के दौर से जिसने निकाला है मुझे
हम सभी प्रेम से उसे बहिन कहते हैं
इति
इंजी संजय श्रीवास्तव
बीएसएनएल, बालाघाट, मध्यप्रदेश