बहार
तू आयी तो ज़िन्दगी में बहार आ गयी जैसे
गम की चादर हटा कर खुशियां छा गयी जैसे
मैंने तो रब से खुशियां मांगी थी दुनिया के लिए
ऐ वैक्सीन तू आई और कोरोना पर कहर ढा गई जैसे
वीर कुमार जैन ‘अकेला’
तू आयी तो ज़िन्दगी में बहार आ गयी जैसे
गम की चादर हटा कर खुशियां छा गयी जैसे
मैंने तो रब से खुशियां मांगी थी दुनिया के लिए
ऐ वैक्सीन तू आई और कोरोना पर कहर ढा गई जैसे
वीर कुमार जैन ‘अकेला’