बहार ही बहार
” बहार ही बहार ”
खिल रहे हैं फूल यहाँ डाल डाल पर,
आज है बहार ही बहार ज़िन्दगी !
मधुप चूसते भँवर
फूल फूल पर,
आज है खुमार ही खुमार ज़िन्दगी !!
आओ प्रिय आज वहीँ,
झील के किनारे
साथ चलें दूर कहीं,
बाह थामे थामे,
प्यार की महक उठे
सांस सांस पर,
आज है श्रृंगार ही श्रृंगार ज़िन्दगी !! खिल रहे …..(१
उठ रही लहर लहर
करके ये इशारे,
हम हुए तुम्हारे प्रिय
तुम हुए हमारे,
होंठ मुस्कुरा उठे
बात बात पर,
आज है इकरार ही इकरार ज़िन्दगी !! खिल रहे ….. (२
आज प्रिय तुम हुए
तुम हुए प्यारे,
मधुर मिलन के पल सभी
अब हुए हमारे
हुस्न की मशाल जले
रात रात भर,
आज है करार ही करार ज़िन्दगी !! खिल रहे …..(३
मधुर मिलन के राज़ सारे
अब हुए हमारे ,
सुन सकें न दिल की बात
चाँद और तारे
इश्क की बयार बहे
उम्र उम्र भर
आज है त्योहार ही त्योहार ज़िन्दगी !! खिल रहे …(४
खिल रहे हैं फूल यहाँ डाल डाल पर,
आज है बहार ही बहार ज़िन्दगी !!
मिलन “मोनी” ८/५/२०१७