Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2019 · 1 min read

बहारें

विषय – बहारें !
विधा – कुकुभ छंद !

विधान – ३० मात्रा, १६, १४ पर यति l
कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l अंत मे २,२!

कोमल किसलय डोल रहा है, नन्ही कलिका छिपती- सी !
रूप उषा छितरा अंबर में, कंचन आभा खिलती – सी!
प्रकृति प्रेम में तन मन उलझा, ईश्वर अनंत में छाया!
बदरी श्यामल नैन निहारें, मंजुल स्वप्न भरी माया !!१

शीतल मादक किरणें देतीं , मृदुल मोह की परछाई !
सुरभित भावों की दुनिया में, लेता जीवन अँगडाई!
माधव के रस कौतूहल में, उठती अब गूँज बहारें !
नीरव निशीथ से जाग उठा,रवि मर्मर रश्मि सहारे !!२

कोमल बाँहों के अंचल में, धरा संकुचित लिपटी- सी !
इंद्रजाल बन फूलों छाई, बूँद नवल अब चिपटी- सी !
राग अनोखा चित में छाया, चंचल चितवन मधुशाला !
झूक रही मन की अभिलाषा, कोमल कदंब की माला!!३

छगन लाल गर्ग विज्ञ!

Language: Hindi
434 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ढलता वक्त
ढलता वक्त
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
भगवान
भगवान
Adha Deshwal
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
उसकी गलियों में कदम जब भी पड़े थे मेरे।
उसकी गलियों में कदम जब भी पड़े थे मेरे।
Phool gufran
साक्षात्कार एक स्वास्थ्य मंत्री से [ व्यंग्य ]
साक्षात्कार एक स्वास्थ्य मंत्री से [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
दोहे-मुट्ठी
दोहे-मुट्ठी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जिनमें सोचने समझने की क्षमता है।
जिनमें सोचने समझने की क्षमता है।
Sonam Puneet Dubey
उफ़  ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
उफ़ ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
* मधुमास *
* मधुमास *
surenderpal vaidya
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
#तस्वीर_पर_शेर:--
#तस्वीर_पर_शेर:--
*प्रणय*
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।
Anand Kumar
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
gurudeenverma198
माँ सुहाग का रक्षक बाल 🙏
माँ सुहाग का रक्षक बाल 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
Vivek Mishra
बासी रोटी...... एक सच
बासी रोटी...... एक सच
Neeraj Agarwal
बहुत भूत भविष्य वर्तमान रिश्ते प्रेम और बाकी कुछ भी सोचने के
बहुत भूत भविष्य वर्तमान रिश्ते प्रेम और बाकी कुछ भी सोचने के
पूर्वार्थ
मुझे चाहिए एक दिल
मुझे चाहिए एक दिल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कभी वो कसम दिला कर खिलाया करती हैं
कभी वो कसम दिला कर खिलाया करती हैं
Jitendra Chhonkar
सबको निरूत्तर कर दो
सबको निरूत्तर कर दो
Dr fauzia Naseem shad
मैं कविता लिखता हूँ तुम कविता बनाती हो
मैं कविता लिखता हूँ तुम कविता बनाती हो
Awadhesh Singh
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
रमेश कुमार जैन ,उनकी पत्रिका रजत और विशाल आयोजन
रमेश कुमार जैन ,उनकी पत्रिका रजत और विशाल आयोजन
Ravi Prakash
अर्थ मिलते ही
अर्थ मिलते ही
Kshma Urmila
!! हे उमां सुनो !!
!! हे उमां सुनो !!
Chunnu Lal Gupta
खून पसीने में हो कर तर बैठ गया
खून पसीने में हो कर तर बैठ गया
अरशद रसूल बदायूंनी
"चीख उठते पहाड़"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
इंजी. संजय श्रीवास्तव
**** बातें दिल की ****
**** बातें दिल की ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Loading...