बहाने
जब तुम्हारे नए नए बहाने होंगे
तब बीते मंजर मेरे सिरहाने होंगे
तब कहां गा पाऊंगा नए गीतों को
पुरानी यादो के ही तराने होंगे
भूलना याद आना फिर भूलाना
ये दिल से कितने जूल्म कराने होंगे
खुद से खुद को ,खुद को खुद से
तुझे पाने कितने लोग हराने होंगे
बेशक तेरे दिवानों की कमी नहीं
मुझमें ही मुझ जैसे तेरे कई दिवाने होंगे