बहाना क्यूँ बनाते हो ( सवाल-1 )
जो कहना है कहो खुलके
बहाना क्यूँ बनाते हो
इन भूली बिसरी गलियों में
तुम भी अपना सर झुकाते हो
माना कि बादशाह हो तुम
अपनी जिंदगी के दरमियान
फिर भी कमबख्त इश्क़ को
पल पल आजमाते हो
जो कहना है कहो खुलके
बहाना क्यूँ बनाते हो
क्या अब भी याद तुझे तेरी
वो सपनों वाली शहजादी
जो रिमझिम गिरती बारिश में
मोरनी बनके आ जाती
क्या अब भी रुकी हुई हैं नजरें
तेरी उनकी राहों में
या फिर सब कुछ भूल-भुला के
तुम आगे बढ़ जाते हो
बताओ ना!
बहाना क्यूँ बनाते हो
… भंडारी लोकेश✍️