Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2022 · 1 min read

^^बहरूपिये लोग^^

जुबान से कहते हैं, कुछ
और करते हैं वो ,कुछ
ऐसे ऐसे लोग यहाँ
लगते हैं अब बहुत तुच्छ !!

नहीं ठहरते एक जगह
कदम कदम पर लड़खड़ाते
न जाने क्यों अपनी बातों से
लोगों को हैं बहकाते !!

कैसे करे कोई भरोसा
इन जैसे बहरूपियों का
जिन की बात में वजन नहीं
फिर भी बात लाखों की बताते !!

नहीं है लोग अब विश्वाश के
लायक इस दुनिआ में
सच बात तो यह है कि
“अजीत” हम को नहीं यह भाते !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
159 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
Ranjeet kumar patre
परिवार
परिवार
डॉ० रोहित कौशिक
बेटा
बेटा
अनिल "आदर्श"
जीयो
जीयो
Sanjay ' शून्य'
कमरा उदास था
कमरा उदास था
Shweta Soni
सत्य की खोज
सत्य की खोज
dks.lhp
चला मुरारी हीरो बनने ....
चला मुरारी हीरो बनने ....
Abasaheb Sarjerao Mhaske
हो भासा विग्यानी।
हो भासा विग्यानी।
Acharya Rama Nand Mandal
रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरियाँ
रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरियाँ
कवि रमेशराज
* रेत समंदर के...! *
* रेत समंदर के...! *
VEDANTA PATEL
बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं (हास्य व्यंग)
बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
टैडी बीयर
टैडी बीयर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
लड़कियों की जिंदगी आसान नहीं होती
लड़कियों की जिंदगी आसान नहीं होती
Adha Deshwal
शहज़ादी
शहज़ादी
Satish Srijan
मैं माँ हूँ
मैं माँ हूँ
Arti Bhadauria
2913.*पूर्णिका*
2913.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
पूर्वार्थ
प्रेम दिवानों  ❤️
प्रेम दिवानों ❤️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बुंदेली दोहा-सुड़ी (इल्ली)
बुंदेली दोहा-सुड़ी (इल्ली)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
* फागुन की मस्ती *
* फागुन की मस्ती *
surenderpal vaidya
"गुलामगिरी"
Dr. Kishan tandon kranti
नल बहे या नैना, व्यर्थ न बहने देना...
नल बहे या नैना, व्यर्थ न बहने देना...
इंदु वर्मा
आईना हो सामने फिर चेहरा छुपाऊं कैसे,
आईना हो सामने फिर चेहरा छुपाऊं कैसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*मैं, तुम और हम*
*मैं, तुम और हम*
sudhir kumar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
Suryakant Dwivedi
आहट
आहट
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
♥️♥️दौर ए उल्फत ♥️♥️
♥️♥️दौर ए उल्फत ♥️♥️
umesh mehra
*जो होता पेड़ रूपयों का (सात शेर)*
*जो होता पेड़ रूपयों का (सात शेर)*
Ravi Prakash
Loading...