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22 Nov 2021 · 1 min read

बहन बेटी

*** बहन – बेटी (सजल) ***
************************

बहन -बेटी होती सबकी सांझी,
उड़ा देती उनको पल में आंधी।

नजरबंदी में रहती आजीवन,
नजर ना आता है उनका मांझी।

पिता – भाई की रहती परछाई,
नहीं होता दुख का कोई साथी।

सिमट जाता है मुट्ठी में जीवन,
अधूरा है उनका मक्का-काशी।

हवा में कब लेती खुलकर सांसें,
चढ़ाई जाती हैं पल पल फांसी।

हुई मनसीरत चाहत ना पूरी,
न हर कोई लक्ष्मीबाई झांसी।
************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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