Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2017 · 1 min read

बहते हुए जल

झरनो के जल गिरकर धरा पर बह जाते हैं,
बहते हुए जलो में, कुछ बुलबुले बन जाते हैं,

जब आता हैं बसन्त ऋतू ,हरियाली छा जाती हैं,
बाग़ बगीचे के फूलों से,फुलवारी बन जाती हैं,

आम के पेड़ो में भी मीठे फल आ जाते हैं,
पतझड के पेड़ो में भी, फूल खिल जाते हैं,

बाबुल के पेड़ो पर बैठ, कोयल भी गीत सुनाता हैं,
काले बादल की घटा देख, मोर मस्त नृत्य करे हैं,

बादल से जब बरसे पानी,धरती अपनी प्यास बुझाए,
हल जोतकर खेतो में,किसान भी धान लगाए,

रात में टिमटिम जुगनू करते जुगनू मन को भाते हैं,
अँधेरी रात में चाँदनी हमको राह दिखती हैं,

तारे सब मिलकर साथ में प्रेम के गीत गाते हैं,
चन्दा देखे अपने चकोर को मन प्यास बुझाते हैं,

Language: Hindi
168 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तिरंगा
तिरंगा
Neeraj Agarwal
भगतसिंह मरा नहीं करते
भगतसिंह मरा नहीं करते
Shekhar Chandra Mitra
क्रव्याद
क्रव्याद
Mandar Gangal
💫समय की वेदना💫
💫समय की वेदना💫
SPK Sachin Lodhi
A little hope can kill you.
A little hope can kill you.
Manisha Manjari
मन को जो भी जीत सकेंगे
मन को जो भी जीत सकेंगे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कुछ लड़के होते है जिनको मुहब्बत नहीं होती  और जब होती है तब
कुछ लड़के होते है जिनको मुहब्बत नहीं होती और जब होती है तब
पूर्वार्थ
अध्यापकों का स्थानांतरण (संस्मरण)
अध्यापकों का स्थानांतरण (संस्मरण)
Ravi Prakash
इल्तिजा
इल्तिजा
Bodhisatva kastooriya
हटा 370 धारा
हटा 370 धारा
लक्ष्मी सिंह
फरियादी
फरियादी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Canine Friends
Canine Friends
Dhriti Mishra
पिया घर बरखा
पिया घर बरखा
Kanchan Khanna
"सुनो तो"
Dr. Kishan tandon kranti
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
कवि रमेशराज
क्यों नहीं निभाई तुमने, मुझसे वफायें
क्यों नहीं निभाई तुमने, मुझसे वफायें
gurudeenverma198
2971.*पूर्णिका*
2971.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गुज़रा हुआ वक्त
गुज़रा हुआ वक्त
Surinder blackpen
घड़ी घड़ी ये घड़ी
घड़ी घड़ी ये घड़ी
Satish Srijan
एक कमबख्त यादें हैं तेरी !
एक कमबख्त यादें हैं तेरी !
The_dk_poetry
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
Er. Sanjay Shrivastava
आज तुझे देख के मेरा बहम टूट गया
आज तुझे देख के मेरा बहम टूट गया
Kumar lalit
कुछ नहीं बचेगा
कुछ नहीं बचेगा
Akash Agam
इधर उधर न देख तू
इधर उधर न देख तू
Shivkumar Bilagrami
मुझमें भी कुछ अच्छा है
मुझमें भी कुछ अच्छा है
Shweta Soni
■ लोकतंत्र पर बदनुमा दाग़
■ लोकतंत्र पर बदनुमा दाग़ "वोट-ट्रेडिंग।"
*Author प्रणय प्रभात*
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
Rekha khichi
अभी दिल भरा नही
अभी दिल भरा नही
Ram Krishan Rastogi
तुम्हें अहसास है कितना तुम्हे दिल चाहता है पर।
तुम्हें अहसास है कितना तुम्हे दिल चाहता है पर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बिछड़ कर तू भी जिंदा है
बिछड़ कर तू भी जिंदा है
डॉ. दीपक मेवाती
Loading...