बस लटकना नही है
जिंदगी की मुश्किलों का हल सिर्फ मौत है क्या
तू तो शेर है यार तुझे भी किसी का खोफ है क्या
अच्छा चला गया वो सब कुछ यह छोड़कर
पीछे रह गया परिवार जिनको थोड़ा तूने झंडोकर
मां ने पेट काट काट कर पाला होगा
पिता का तू कितना बड़ा सहारा होगा
इतना स्वार्थी तू केसे हो सकता है
उम्मीद अपने दिल की तू केसे को सकता है
नजर नहीं आता मंजर तेरे बाद का
अरे जीते जी मर जायेगा जिगर तेरे बाप का
देख रहा भटक जाए तो भटकना सही है
याद रखना बस लटकना नही है
हर मुश्किल का हल हो सकता है
किस्मत में बदलाव किसी भी पल हो सकता है
जो लड़ जाए हर तूफान से तू यार मेरा वही है
रहा भटक जाए भटकना सही है
चुनौतियों के भवर में अटकना सही है
बस याद रख यार लटकना नही है
– Prachi Verma