बस लक्ष्य बना
क्यों बेकार में उलझा है
अपनी शक्तिको याद कर
सांसो को भर के पंख पसार
बुद्धि को खोल कर
नया विश्वास भर
आसमान जमीं को एक कर
दर्द में भी राहत है
बस लक्ष्य बना
और उसे हासिल कर
– आनंदश्री
क्यों बेकार में उलझा है
अपनी शक्तिको याद कर
सांसो को भर के पंख पसार
बुद्धि को खोल कर
नया विश्वास भर
आसमान जमीं को एक कर
दर्द में भी राहत है
बस लक्ष्य बना
और उसे हासिल कर
– आनंदश्री