बस ये याद रख लेना….
वो किश्तों में आने लगे हैं मिलने आजकल
शायद बहुत ही मँहगा हैं,
जो फुरसत का बटवा उनको न मिल रहा कहीं…
अब हम भी कैसे लापरवाह बन हैं बैठे,
उनके इंतजार के कौड़ीयों में ही,
अपना गुजारा कर रहें…
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माना के मुहब्बत ही मुहब्बत हैं उनके दामन में,
पर मेरी जिंदगी भी हैं अब एक विधवा की माँग जैसी,
सिंदूर तो पड़ा है मेरे ही सामने फिर भी,
चेहरा डूबा हैं मेरा आँसूओं के बरखा में….
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गैरों से मिलते हैं वो अपना बनकर,
अपना बनाकर तनहा वो मुझको छोड़ जाते हैं,
जरा -सी मुस्कुराहट भी माँग लो तो,
कहते रहते हैं…मिलते हैं एक – आधे घंटो में….
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मैं मजबूर हूँ ..ये मत समझ लेना,
बस तेरी मुहब्बत मुझको बाँधे रखती हैं…
छोड़ दूँ तुझको भी दुनिया की तरह…
पर तू मेरी दुनिया नहीं … मेरा सबकुछ हैं…
बस ये याद रख लेना….
#sapna