बस यूं ही
कुछ यूं ही…….
सुन,शोर से अधिक मुझपर,
एकांत का असर होता है।
वो पारदर्शी दर्पण है एकांत,
जहां हर अस्तित्व मुखर होता है।
माना कि मुश्किल है एकांत शोर शराबे में,मगर
एकांत में सच्चाई और सत्य का बसर होता है।
नहीं कर पाता कोई भी विचलित और भंग,
जबकि चारों तरफ पूरा शहर होता है।
फिर भी क्यों खाने को आता है नीलम एकांत,
खुद के खो जाने का भयंकर डर होता है।
नीलम शर्मा