बस यूँ ही
देखो सत्तर साल में,
लोकतंत्र यूँ सधा,
गदहागिरी के खेल में,
रहा विजेता गधा
मेरे भारत देश में,
कैसे दिन अब आये
इंसानों की बात पे,
जब गधे खिलखिलाये
हेमा तिवारी भट्ट
देखो सत्तर साल में,
लोकतंत्र यूँ सधा,
गदहागिरी के खेल में,
रहा विजेता गधा
मेरे भारत देश में,
कैसे दिन अब आये
इंसानों की बात पे,
जब गधे खिलखिलाये
हेमा तिवारी भट्ट