बस यूँ ही
तुम रात चाँद की चाँदनी हो,मैं सुबह से पहले भोर प्रिये!
मीठी धुन हो संगीत की तुम,मैं धड़कते दिल का शोर प्रिये!
तू बरसते सावन की फुहार,मैं बदरी बस घनघोर प्रिये!
तू मुझे देख मुँह मोड़ भी ले,मैं देखूँ तेरी ओर प्रिये!
तू हँसी अधर रुख़सार का तिल,मैं थके नयन का लोर प्रिये!
मलिका तू मेरे दिल की है,मैं तेरी नींद का चोर प्रिये!
बस दुआ ख़ुदा से साथ न छूटे,तू मोरनी मैं तेरा मोर प्रिये!