अब मुझे यूं ही चलते जाना है: गज़ल
पागलों सी इस दुनिया में,
बस पागल बन जाना है!!
अब मुझे यूं ही चलते जाना है,
बस मंज़िल तक पहुंच जाना है!!
दुनियां खूब जानती है हमें,
बस नूर बनके बिखर जाना है!!
हो आंख बंद, और ख़्वाब दिखे,
बस इक लौ-ए-चराग जलाना है!!
जेहन में इक रोज़ जो बात आई,
बस वही तो करके दिखाना है!!