Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2024 · 1 min read

बस तेरे होने से ही मुझमें नूर है,

बस तेरे होने से ही मुझमें नूर है,
बाकी तो सब बेफिजूल है।
–kanchan

1 Like · 8 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kanchan Alok Malu
View all

You may also like these posts

काली रजनी
काली रजनी
उमा झा
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
पूर्वार्थ
R
R
*प्रणय*
"मैने प्यार किया"
Shakuntla Agarwal
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Dr.Pratibha Prakash
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बचपन
बचपन
Ayushi Verma
श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ
श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आग का जन्म घर्षण से होता है, मक्खन का जन्म दूध को मथने से हो
आग का जन्म घर्षण से होता है, मक्खन का जन्म दूध को मथने से हो
Rj Anand Prajapati
"दोस्ती-दुश्मनी"
Dr. Kishan tandon kranti
लाल बहादुर
लाल बहादुर
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
नीली बदरिया में चांद निकलता है,
नीली बदरिया में चांद निकलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रभा प्रभु की
प्रभा प्रभु की
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गीत- लगें कड़वी मगर बातें…
गीत- लगें कड़वी मगर बातें…
आर.एस. 'प्रीतम'
Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar
Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar
Sakshi Tripathi
रंग औकात से ज्यादा,,, ग़ज़ल
रंग औकात से ज्यादा,,, ग़ज़ल
Neelofar Khan
सांसों का थम जाना ही मौत नहीं होता है
सांसों का थम जाना ही मौत नहीं होता है
Ranjeet kumar patre
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
कैसे-कैसे दाँव छल ,रखे दिलों में पाल
कैसे-कैसे दाँव छल ,रखे दिलों में पाल
RAMESH SHARMA
प्यारी बहना
प्यारी बहना
Astuti Kumari
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
#आश्चर्यजनक ! #किंतु, सत्य !
#आश्चर्यजनक ! #किंतु, सत्य !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
नर्गिस
नर्गिस
आशा शैली
*होते यदि राजा-महाराज, तो फिर वैभव वह दिखलाते (राधेश्यामी छं
*होते यदि राजा-महाराज, तो फिर वैभव वह दिखलाते (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
रिश्ते
रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
2874.*पूर्णिका*
2874.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*तू ही  पूजा  तू ही खुदा*
*तू ही पूजा तू ही खुदा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
परिवार तक उनकी उपेक्षा करता है
परिवार तक उनकी उपेक्षा करता है
gurudeenverma198
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
अरशद रसूल बदायूंनी
Loading...