बस तेरी याद
जब महफिल थी वीरानी सी
हर ओर उदासी थी छाई
तब प्यार की चिट्ठी साथ लिए
बस तेरी याद चली आई
जब आंसू बहते आंखों से
और चले सर्द सी पुरवाई
कोई साथ नहीं था जब मेरे
बस तेरी याद चली आई
जब तन्हा तन्हा रातें थी
और साथ थी मेरे तन्हाई
तब चुपके से पैगाम लिए
बस तेरी याद चली आई
होंठों पर मुस्कान थी मेरे
और नम आंखों की परछाई
सब सोच रहे कि क्या हुआ?
बस तेरी याद चली आई