” बस तुम्हें ही सोचूँ “
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” बस तुम्हें ही सोचूँ ”
रात की गहराइयों में, तारों की छाया में,
बस तुम्हें ही सोचूँ, दिल की गहराइयों में।
बस तुम्हें ही सोचूँ, जब भी दिल करे विचार,
तुम मेरी धडकन हो, मेरा इंतजार, मेरा प्यार।।
पुष्पराज फूलदास अनंत
” बस तुम्हें ही सोचूँ ”
रात की गहराइयों में, तारों की छाया में,
बस तुम्हें ही सोचूँ, दिल की गहराइयों में।
बस तुम्हें ही सोचूँ, जब भी दिल करे विचार,
तुम मेरी धडकन हो, मेरा इंतजार, मेरा प्यार।।
पुष्पराज फूलदास अनंत