बस तुमको बताना भूल गए
मोहब्बत तो बहुत है तुमसे पर तुमको जताना भूल गए,
कितना चाहते हैं तुमको ये बताना भूल गए।
पलकें बिछाए बैठे हैं तुम्हारे इंतजार में इस तरह कि, कहीं आना जाना भूल गए।
सारे फूल रख दिए हमने राहों में तुम्हारी, और अपनी झुल्फों में गजरा लगाना भूल गए।
दीपों की माला लगा दी हर डगर पर जाके हमने ताकि अंधेरे में ठोकर न लगे तुम्हारे पांव में, पर अपने घर पर दीपक जलाना भूल गए।
दिल ही दे दिया है तुमको अपना हमेशा के लिए, फिर और क्या दें तुमको अब हम कोई तोहफा लाना भूल गए।