बस चंद बूंद की ख्वाइश
क्यों खामख्वाह बाढ़ में ,
एक शहर को डूबो रहे हो ।
चंद बूंदे इस सूखी धरती पर भी डाल दो ,
जिसे एक बूंद के लिए तरसा रहे हो ।
क्यों खामख्वाह बाढ़ में ,
एक शहर को डूबो रहे हो ।
चंद बूंदे इस सूखी धरती पर भी डाल दो ,
जिसे एक बूंद के लिए तरसा रहे हो ।