बस एक ख्याल यूँ ही..
जो लिखूँ कुछ
तो लफ़्ज़ हो तुम
ग़र सोचूँ कुछ
तो खयाल हो तुम
माँगने जो बैठूं
तो दुआ हो तुम
सच कहूँ तो मेरी रूह,
मेरी मोहब्बत हो तुम
हिमांशु Kulshrestha
जो लिखूँ कुछ
तो लफ़्ज़ हो तुम
ग़र सोचूँ कुछ
तो खयाल हो तुम
माँगने जो बैठूं
तो दुआ हो तुम
सच कहूँ तो मेरी रूह,
मेरी मोहब्बत हो तुम
हिमांशु Kulshrestha