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22 Dec 2020 · 1 min read

बसा नयनों में साजन हो….

बसा नयनों में साजन हो….

बसा नयनों में साजन हो
और साजन का आँगन हो

संग साजन के हिलमिल
प्यार से छाई छाजन हो

माथे बिंदिया कर में कंगन
पैरों में झनकती झाँझन हो

भीगी कजरारी रातें हों
घनघोर बरसता सावन हो

बहका-बहका कजरा हो
महका-महका दामन हो

मन हो पावन गंगा- सा
खिले गुलाब-सा आनन हो

सहज-सरल-सा जीवन हो
मन वृंदावन पावन हो

बरसें नेमत कुदरत की
कनकन प्रेम का भाजन हो

बिछुड़ साजन से जीती हो
ऐसी न कोई अभागन हो

मिलजुल कर सब साथ रहें
जग खुशियों का आँगन हो

– डॉ.सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद (उ.प्र.)
“चाहत चकोर की” से

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 472 Views
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