बसंत
******
बसंत
******
बाँध रंग पोटली को, आया है बसंत आज,
खेतों में बिखर गया, पीला-पीला रंग है ।
महकती हवा चले, मन को हिलोर रही,
शर तान घूम रहा,अपना अनंग है ।।
अलसाये नयनों में, रति का भरा है भाव,
हृदय में मिलन की, उठती उमंग है ।
शोर हर ओर हुआ , आई रे बसंत ऋतु,
नेह जगा नयनों में, बही प्रेम गंग है ।।
*
राधे…राधे…!
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***
🌻🌻🌻