बसंत पंचमी
वसंत पंचमी पर माँ सरस्वती के चरणों में …..
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अनुपम मनमोहक छटा,निकट शीत का अंत ।
शुक्ल पंचमी माघ की, मनभावन है बसंत।।
महाविद्या सुरपुजिता,विद्या का दो दान |
ज्ञान बुद्धि देदो हमें, मिटे समूल अज्ञान ||
श्वेत कमल आसन मैया, धारें वीणा हाथ ।
भाग्य नीलम का चमकादो,संग लक्ष्मी मात ।।
नीलम को करना प्रबल,सद्बुद्धि दो मात।
धवल कमल विराजतीं, ब्रह्मा जी के साथ ||
बुद्धि दायिनी शारदे, दिव्य दर्शन ज्ञानस्वरूप।
रिद्धि-सिद्धि,बुद्धि विद्या मिले करम अनुरूप।।
नीलम शर्मा ✍️