बसंत ऋतु
खिल रही है फूल की हर डाली
महक उठी आज बगिया सारी
पीले फूलों ने भी न्यारी रंगत पाई
पत्ते पत्ते बिखरे पड़े है राहों में देखो
वन उपवन में तितली भौरों की गूंज सुनाई
कुक रही प्यारी कोयल डाली पर इठलाई
सूरज ने भी तेज किरणें धरती पर बरसाई
तेज हवाएं भी देखो शीतलता लेकर आई
बदले मौसम ने करवट इक दिखलाई
फैली सुगन्ध हवाओं में नई ताज़गी है लाई
ये मनमोहक ताज़गी ऋतुराज बसन्त कहलाई।