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18 Jan 2021 · 1 min read

बसंत आने को है –

बसंत आने को है,

दीपशिखा के चंचल चरण
करने चले है फागुन वरण
शीतल ज्वाला से अपनी
सौरभ मधु बरसाने को है
सुना है ! बसंत आने को है !!

हर इक मन में उमंग प्रवाह
शीतलता करती मधुर दाह
मनभावन सौंदर्यता से अब
मनवा मधुर लुभाने को है
सुना है ! बसंत आने को है !!

अमवा के अंकुर पनपने लगे,
पुष्प टेसू, सरसों खिलने लगे,
नए दौर के नए किस्से देकर,
पुरानी पाती विदा होने को है
सुना है ! बसंत आने को है !!

!
डी के निवातिया

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 388 Views
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