बल-श्रम
१
बच्चे पावन पुष्प हैं, पायें पालनहार।
विद्यालय भेजें इन्हें , दें इनका अधिकार।।
२
बाल श्रमिक का अर्थ है , बचपन से मजदूर।
शिक्षा से फिर ये सदा, रह जातें हैं दूर।।
३
पढ़ना लिखना खेलना ,है मौलिक अधिकार।
विद्यालय जाकर सदा, दूर हुआ अँधियार।।
४
पुस्तक दे दो हाथ में , मत लो इनसे काम।
होंगें भागीदार तुम, क्या होगा अंजाम।।
५
पैसों का आभाव हैं, करना पड़ता काम।
सुबह निकलते काम पर, हो जाती फिर शाम।।
६
उन्मूलन हो “बाल-श्रम”, हो शिक्षा अनिवार्य।
मिटे गरीबी बेवसी , मिले सभी को कार्य।।
७
पढ़ें – लिखें आगे बढ़ें, जीवन हो अनुकूल ।
काम सभी तुम छोड़ दो, पहुँचो सब स्कूल।।
(#इस्कूल= ५ अपवादक परिस्थिति )
८
बचपन हो खुशियों भरा , रहती सबकी आस।
बिन विद्यालय के गए , बुझे न मन की प्यास।।
९
पोथी होगी हाथ में , हर बच्चे की चाह।
बाल श्रमिक के दंश से, बच्चे रहे कराह।।
१०
नित प्रति करते काम वे,रहे ज्ञान से दूर।
शिक्षा से वंचित हुए, सपने चकनाचूर।।