बर्बाद व बर्बाद है, सच्चे सच्चे मित्र l
बर्बाद व बर्बाद है, सच्चे सच्चे मित्र l
आबाद व आबाद है, कच्चे कच्चे मित्र ll
वारिद, वर्षा जो सहज, सुखी होता प्रतीत l
ताड़ित गिरी गरज गरज , क्यों होता भयभीत ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न
बर्बाद व बर्बाद है, सच्चे सच्चे मित्र l
आबाद व आबाद है, कच्चे कच्चे मित्र ll
वारिद, वर्षा जो सहज, सुखी होता प्रतीत l
ताड़ित गिरी गरज गरज , क्यों होता भयभीत ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न