बर्थडे गिफ्ट
बंटी प्रतिदिन स्कूल या बाहर कहीं आते जाते अपने उस हम उम्र बच्चे राजू को देखा करता था जो आते जाते बस एकटक बंटी की ड्रेसेज स्कूल बैग व शूज आदि बड़ी हसरत भरी दृष्टि से देखता रहता था।
एक दिन जब पापा कार को बैक ले रहे थे और बंटी नीचे खड़ा था तो धीरे से राजू ने उसके स्कूल बैग को छुआ और डर कर दूर खड़ा हो गया। बंटी ने पूछा- “तुझे भी बैग अच्छा लगता है” तो उसने सिर हिला कर हामी भरी।
बंटी की बर्थडे आ गयी। “आज जन्मदिवस पर कहाँ चलें बेटा। “मम्मी बोली।
”हां हां बता लाडले। इस बार कहाँ का प्लान है। ”
”आज हाफ डे लीव ले आऊंगा। तुम दोनों मेन्यू व वेन्यू डिसाइड कर के तैयार मिलना। ”
पापा जाते जाते बोले।
”नहीं पापा आज केक घर पर ही काटूंगा राजू के साथ। “बंटी की बात ने पापा मम्मी को चौंका दिया।
” हां पापा मेरे साथ एक शर्ट पेंट उसकी भी लाना।”
शाम को बंटी की इच्छानुसार राजू ने हाथ पकड़कर बंटी से केक कटवाया। बंटी ने सबसे पहले राजू को केक खिलाया। पापा मम्मी के साथ साथ राजू के मजदूर माता पिता के भी चरण स्पर्श किए उन्हें भोजन कराया। बंटी ने जन्मदिन पर अपने पापा को अपना संकल्प बताया कि- “पापा आज से आप मुझे जो हर माह दो हजार रुपये पाकेट मनी देते हैं वह इस माह से राजू की फीस में दी जाएगी। पापा आप इसका एडमिशन किसी अच्छे स्कूल में करवा दीजिए प्लीज़। पापा आज मुझे आपकी तरफ से यह अब तक की सबसे कीमती गिफ्ट होगी। ”
बंटी को मम्मी पापा ने गले लगा लिया।
रंजना माथुर
जयपुर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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