बरसों से सोयी नहीं
रात भर मैं
सोयी थी या
जग रही थी कि
सुबह उठने पर
ऐसा लग रहा है जैसे
बरसों से सोयी नहीं
किसी से स्नेह करना और
इतना फिक्रमंद होना
यकीनन कोई अच्छी बात तो
नहीं कि
ख्वाबों में भी
उसको याद कर करके
जागते रहो और
सुबह आंख खुलने पर भी
उसी के नाम की
माला जपते रहो।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001