बरसात
सावन में आई बरसात बगिया महक उठी ।
बादल गरजें पूरी रात धरती लहक उठी।
मतवाला सावन मन को भाये जरा झूमों
सावन के गाओ गीत नदियाँ बहक उठी।
:-@अभिषेक शर्मा
सावन में आई बरसात बगिया महक उठी ।
बादल गरजें पूरी रात धरती लहक उठी।
मतवाला सावन मन को भाये जरा झूमों
सावन के गाओ गीत नदियाँ बहक उठी।
:-@अभिषेक शर्मा