बरसात
एक झलक दिखला के जाने का कहां छुप गई ,
अरे बरसात ! तू अचानक कहां चली गई ।
तेरे प्यारे और कोमल स्पर्श को तरसे हमारा तन मन ,
आखिर तू किस बात से हमसे रूठ गई ।
एक झलक दिखला के जाने का कहां छुप गई ,
अरे बरसात ! तू अचानक कहां चली गई ।
तेरे प्यारे और कोमल स्पर्श को तरसे हमारा तन मन ,
आखिर तू किस बात से हमसे रूठ गई ।