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7 Jun 2021 · 1 min read

बरसात

मनहरण घनाक्षरी
“”””””””””””””””””””””

प्रकृति का उपहार
बरसात देती यार
भरती जल भंडार
जल ही जीवन है ।

अंकुरित होते बीज
बनते वृक्ष अजीज
फल फूल और मूल
प्राणी का भोजन है ।

पानी मिले भरपूर
आता हरियाली नूर
बूँद बूँद रिमझिम
मौसम ही स्वर्ग है ।

बरसात का चौमास
भरता जीवन आस
भोजन प्यास का हल
हर साल होता है ।

राजेश कौरव सुमित्र

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